मेरी तमन्ना

मेरी तमन्ना न कर ए दीवाने
मेरी हस्ती ही क्या है इस ज़माने में
यहाँ हर मोड़ पे हुस्न पड़ा हुआ है
हर कोना इश्क से सजा हुआ है
पहनके रिश्तों के तागे
ओद ले रास्तों के साए
के यहाँ हर रहगुज़र पे
कोई अपना ही खडा हुआ है

Popular posts from this blog