इतनी मुशक्कत के चाँद  पर नक़्शे कदम छोड़  सकता  है 
गर  चाहे तो मेहनत से तकदीर का मुहं मोड़ सकता है 
कौन कहता है आसमान की हदों के पार जाना मुमकिन नहीं 
इंसान कोशिशों से आसमान को भी चद्दर सा ओड़ सकता  है  

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