एक दी और सैकड़ों मिली वल्लाह ये मुस्कराहट भी अजीब चीज़ है
सौ बहाए, पोंछने को किसी ने हाथ न बढाये, क्यूंकि आंसू बहाना बे-तमीज़ है

Popular posts from this blog