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Showing posts from January, 2013
हम  तो  रकीबों के  ज़ख्मों  को  भी प्यार से सहलाते  रहे  एक वो जो दोस्त बनके हमारी चोट पर नमक लगाते रहे  मेरी किस्मत से रंज क्यूँ कर रखते थे वो भला  जब अपनी लकीरों को खुद वो खुद से उलझाते रहे  यह जानते थे वो भी के हम जल चुके हैं बिन जले  फिर क्यूँ गैरों के संग मिलकर हमे सुलगाते रहे  ज़माने भर के जो दाग सीने में छुपाये थे बरसों से,   वो महफ़िलों में मेरे उन ज़ख्मों की नुमाइश लगाते र हे राज़ को राज़ रखना बड़ा  मुश्किल था अगरचे  हर राज़ को दीवारों पर लिख कर वो सजाते रहे  हमने अब उस वफ़ा का वास्ता देना छोड़ दिया  जिस वफ़ा की आड़ में वो हमसे दामन बचाते रहे 
दिल को उम्मीद है शब्-ए-वस्ल कभी तो आएगी लिल्लाह हिज्र का दिल अब तो मुक्कम्मल कर दे   सिलवटें बहुत जोर से चुभती हैं मेरे बिस्तर की  अब तो मेरे तकिये को उसकी बाजुओं से भर दे  आँखें बेताब हैं उसकी तीर-ए-नज़र के लिए  मर्तबा एक उस अश्किया को मेरी नज़र कर दे  फिर शौक से जान दे देंगे हम क़दमों में  मेरी जानिब सिर्फ एक बार इतनी मेहर कर दे  जो बात दिल में दबी है और जुबां तक आती नहीं  उस खामोशी में मोहब्बत का हर लफ्ज़ भर दे  मेरे हर अहसास उस के दिल तक पहुँच सके  खुदाया मेरे दर्द में कुछ ऐसा असर कर दे .......
दिल आशना है तो फिर ये नकाब क्यूँ  अपने अरमानों पर ऐसा हिजाब क्यूँ ... जज्बा-ए-मोहब्बत दिल में लिए फिरते हो  फिर करते हो अपने दर्द का हिसाब क्यूँ ...   पीते नहीं हो यारों की महफ़िल में भी  ढूंढते हो ज़माने भर में फिर शराब  क्यूँ सायों में घर बनाते हो धूप से बचने को   मुजरिम बना फिर मासूम आफताब क्यूँ ...
दिल में दबी सभी  यादें हसीं नहीं होतीं  दिल की सब यादें ग़मगीन भी नहीं होती  यादें तो गुज़रे वक़्त की परछाईयां  होती है  और परछाईयां  कभी कामिल और तस्कीन नहीं होती 
Beta people have rightly name you Damini.... you are nothing less than that. i am a mother of two young daughters and live in the city of butchers, yes, I live in Delhi. Beta i am pained, hurt, scared for my daughters after what you went through. Every evening till the time they do not come back from their colleges, i am restless and every morning when they leave, i get insecure. I am a working woman and even at office i keep calling them to check to the extent that they think i am a paranoid. But things that happen in this country make all the mothers paranoid. Beta you are a girl of whom every woman is proud of because of your tolerance and your fighting spirit. I salute your mother who gave birth to you. I want to hug you and tell you that you are the one hope this country has. its because of u, this country is learning to fight. Beta please hold on and come out safely, we all are waiting for you. I cant promise you justice but i can promise you one thing.... and that is, we a
मैंने दोस्तों से दोस्ती कर के भी देख ली मेरे दोस्त अक्सर मुझे भूल जाते हैं उनसे अच्छे तो मेरे वोह दुश्मन हैं जो मुझे कोसने मेरी दहलीज़ तक आते हैं ... फर्क करना दोस्तों और दुश्मनों में बहु आसान लगता है मुझे आजकल के दोस्त रिश्ता जोड़ कर दगा देते हैं दुश्मन बड़ी शिद्दत से दुश्मनी निभाते हैं ... परदे में दोस्तों को रखना एक फितरत बन गयी है बात बात पर लोग दोस्तों से नज़र बचाते हैं वोह तो बस दुश्मन ही होते हैं अज़ीज़ आपके जो अपना सीना ठोक कर हर राज़ बताते हैं ... सच बहुत फक्र है मुझे मेरे दुश्मनों पर कम से कम वो मेरे सीने पर वार करते हैं उन दोस्तों से भी मगर मुझे कोई गिला नहीं है जो चेहरे पे हंसी और आस्तीन में खंजर छुपाते हैं ....
जिंदगी का जिंदगी से बड़ा अजीब नाता है कोई नज़र से दूर होते ही दिल से उतर जाता है तस्वीरों को ताकें भी तो आखिर कब तक ताकें भला तस्वीरों से निकल कर कौन बाहर आता है .... परिंदा पर टूटने पे भी आसमां की तम्मना करता है और हवाओं में परवाज़ के ख्वाब सजाता है बेचारा गिर जाता है जब जब कोशिश करता है और लाचारी से वो अक्सर क़दमों पे भी लडखडाता है दुःख बांटने से घटते और सुख बांटने से बड़ते हैं फिर भी इंसान दूसरों को दुःख देकर सूकून पाता है मगर तब उसकी हंसी खो सी जाती है जब ख़ुशी के लम्हों में खुद को तनहा पाता है बहुत गहरा राज़ छुपा है जीवन के सागर में कोई पार कर के डूबता है कोई डूब कर पार पाता है तूफानों से टकराकर भी कई सफीने साहिल पे आते हैं कभी शांत समंदर भी किनारे पे खडा बेड़ा डुबाता है ....
वो हमसे हमारी बेवफाई क सबब पूछते हैं हमने कहा वफ़ा तो सांस भी जिंदगी से नहीं करती बड़ा अजीब सा दस्तूर हैंइस जहां में जीने का के यहाँआती हुई मौत जिंदगी से नहीं डरती।।। तुम रस्मे वफ़ा की कसमे खाते हो बेवजह कसम, सच, किसी का पेट नहीं भरती जब तक साथ मिलता है निभाते क्यूँ नहीं क्या तुम्हें अपनी जिद कभी नहीं अखरती ??? हम से उम्मीद रखते हो और हमसे ही गिला और हम ही से होकर तुम्हारी राह गुज़रती उसपर नाराजगी ऐसी के सबसे कहते हो वो अब तक जिंदा क्यूँ है, आखिर क्यूँ नहीं मरती ........
duaon ka silsila jo chala chalta gaya ke har dua mein uski ka naam aaya hai kafan ki ab shaayad zaroorat nahi pade ke maut ke saayon me zindgi ko paya hai uthi jo aawaaz dekho dheemi na pade har haath ne har haath se haath milaya hai ek ladki jo ladi to duniya ladne nikal padi is thand mein logon ko garam josh aaya hai jo zid hukumat ki to zid aawaam ki bhi hai tyaar raho ke imtehaano ka waqt aaya hai nikal kar dekh to kitna shor hai gali gali ab jaug jeet lenge ke jeet ka mausam aaya hai bus rukna nahi jhukna nahi date rahne hai ke is taakat pe hukumraanon ne bhi sar jhukaya hai...