अभी तो यहीं था, लो अभी यहाँ से चला गया
वक़्त का हर लम्हा वक़्त को बहला गया
फिसल गया हाथों से जुज रेशमी रेत का कतरा
जाते हुए लेकिन मेरी उम्मीदों को सहला गया

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अहसास-ए-गम

ख़ुशी भी उदास रहती है