इस दिल में कितने अरमान मचलते हैं

हर रोज़ हम कितनी बार तुमपे जीते हैं

और तुम पर ही तो रोज़ मरते हैं

कितनी बार सांस लेते हैं याद नहीं

जितनी बार भी मगर सांस लेते हैं

हर सांस हर वक़्त तेरे नाम करते हैं

न अहसास होता है सर्द हवाओं का

न ही कभी गर्मी की लू सताती है

तेरे नाम से बस बारिश को याद करते हैं

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