एक अनजाना

कोई बंद दरवाजा दोबारा खटखटा रहा है
एक अनजाना शख्स करीब आ रहा है
अंदाज़-ए-बयानी का अंदाज़ कुछ नया सा है
हाल-ए-दिल पहेलियों में सुना रहा है

गुपचुप सारे जहां का हाल बताता है
हर रोज़ एक नया किस्सा सुनाता है
मेरे कानों में हौले से गुनगुनाकर
न जाने कितने गीत बुनता जाता है
हजारों ख्वाब मेरी सूनी पलकों पर
अपने हाथों से सजा रहा है
कोई बंद दरवाजा दोबारा खटखटा रहा है
एक अनजाना शख्स करीब आ रहा है

मेरी धडकनों में अपना नाम सुनता है
मेरी साँसों से अपनी साँसें चुनता है
उसकी कोशिशों की क्या मिसाल दूं, के
उनको कामयाबी का जरिया बना रहा है
कोई बंद दरवाजा दोबारा खटखटा रहा है
एक अनजाना शख्स करीब आ रहा है


******

आपके खाव्बों की रहगुज़र से मेरा रस्ता भी गुज़रता है
तस्कीनियाँ आपकी आरजू है, शादमानी मेरी हसरत हैं

Popular posts from this blog

अहसास-ए-गम

तमन्ना-ऐ-वस्ल-ऐ-यार