हम दिन रात उन पलों में बसेरा करते हैं
अपनी रातों में उन यादों से सवेरा करते हैं
उस बेपरवाह को इल्म नहीं ना सही
हम उसके नाम की शमा जलाकर
अपनी जिंदगी में अँधेरा करते हैं
अपनी रातों में उन यादों से सवेरा करते हैं
उस बेपरवाह को इल्म नहीं ना सही
हम उसके नाम की शमा जलाकर
अपनी जिंदगी में अँधेरा करते हैं