सर्द हो चुकी मेरी उम्मीदें फिर एक बार गरमा गयीं
बेचैनियाँ बढते बढते फिर से सुकून पा गयीं
ख़्वाबों को फिर आँखों में समाने का मौका मिला
किस्मतें एक बार फिर मुस्कुरा गयीं
बिछड़ना गर तकदीर में शुमार था मेरी
तकदीर ही फिर एक बार उससे मिला गयी
बचपन बीता था तो जार जार रोये थे
मगर उम्र की बहती हवाएं फिर जवानी लौटा गयीं
बेचैनियाँ बढते बढते फिर से सुकून पा गयीं
ख़्वाबों को फिर आँखों में समाने का मौका मिला
किस्मतें एक बार फिर मुस्कुरा गयीं
बिछड़ना गर तकदीर में शुमार था मेरी
तकदीर ही फिर एक बार उससे मिला गयी
बचपन बीता था तो जार जार रोये थे
मगर उम्र की बहती हवाएं फिर जवानी लौटा गयीं