इंतज़ार करने की वजह बदल जाती है
इंतज़ार का लुत्फ़ भी गुज़र जाता है
जब कोई अपना, मसरूफियत का हवाला देकर
इंतज़ार को इंतज़ार करवाता है..
इंतज़ार का लुत्फ़ भी गुज़र जाता है
जब कोई अपना, मसरूफियत का हवाला देकर
इंतज़ार को इंतज़ार करवाता है..
रिम झिम... ये वृष्टि की टिपटिपाहट है .... या दिल में मचलते अरमानों की...???? ये मेरे आँखों में बरसते ख़्वाबों की आवाज़ गूंजती है.. या मेरे ख्यालों में उतारते तेरे जज़्बात की... पता नहीं... बस... एक अहसास है.. जो जब जब लहू के साथ नसों में दौड़ता है, कुछ लफ्ज़ खुद-ब-खुद पन्नो पे बिखर जाते हैं... और रिमझिम पर बरसने लगते हैं बस... ये ही है मेरी रिमझिम की शुरुआत की कहानी.... उम्मीद है आपको पसंद आएगी...