सब कुछ ख़तम हो गया लेकिन
उससे एक मुलाक़ात अभी बाकी है
इश्क की मौत हुए अरसा बीत गया यारों
जिंदा बचा एक जज़्बात अभी बाकी है
उसने जब इज़हार-ए-मोहब्बत किया था
तब उसकी हर बात एक सफ़ेद झूठ थी
हमने कुछ तकाजा नहीं किया लेकिन
उससे बहुत से सवालात अभी बाकी है
छोड़ दिया किस्मत पर फैसलl किस्मत का
हमने कभी कोई हक भी नहीं जताया
फिर भी क्यूँ महरूम रह गए मालूम नहीं
किस्मत पर ये ही इलज़ामात अभी बाकी है
इज्ज़त से इजाज़त मांगी थी मोहब्बत की
वो दोराहे पर खड़ा छोड़ गया तनहा मुझे
वो बे-ताक़त और हम ग़ालिब हो गए, के
उसमे दम न था और मेरी इतात अभी बाकी है
किसको ज़रुरत है उसकी आशनाई की
जिंदगी के कारवां में और साथी मिल गए
कोई गुंजाइश भी नहीं उसके संग की चूँकि
मेरे संग गुज़रे हुए चंद लम्हात अभी बाकी है
जज्बा ए-इश्क में लुट गए बेसाख्ता
जिसे रहबर समझा वो रहज़न मेरे अपने ही थे
शिकवा नहीं तरस आता है लुटेरे पर क्यंकि
लूटने को मेरे पास मेरी कायनात अभी बाकी है
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