mast rah

क्यूँ सोचता है किस बात पे  रोता है 
जो होना है जिंदगी में वो ही होता है
हर बात को दिल पे मत ले दीवाने 
बेचारा दिल खामखाह  परेशान होता है 
सब्र मत कर के सब्र से  हासिल हुआ
जो दिल में है वो बोल दे यार मेरे 
मुक़द्दर से मत लड़ और ख्वाइश मत कर 
मिलता वो है जो किस्मत में होता है 
सुबह को सुबह मान और शाम का इंतज़ार  कर 
जो तुझे चाहता  है उसी  से प्यार कर 
हर फैसला जिंदगी का जो मंज़ूर करता है 
बड़े मज़े से चद्दर तान कर सोता है 

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