koi be-hichak bataata hai, koi be-lafz jataata hai
apne afsaane sunaane ke zariye beshumaar hein
hum be-bas ho bhi gaye toh parwaah kyun karen
hamaari hifaazat ke liye uthte haath hazaar hein....
कोई बेहिचक बताता है, कोई बेलफ्ज़ जताता है
अपने अफ़साने सुनाने के ज़रिये बेशुमार हैं ..
हम बेबस हो भी गए तो परवाह क्यूँ करें यारों
के हमारी हिफाज़त के लिए उठते हाथ हज़ार हैं ...
apne afsaane sunaane ke zariye beshumaar hein
hum be-bas ho bhi gaye toh parwaah kyun karen
hamaari hifaazat ke liye uthte haath hazaar hein....
कोई बेहिचक बताता है, कोई बेलफ्ज़ जताता है
अपने अफ़साने सुनाने के ज़रिये बेशुमार हैं ..
हम बेबस हो भी गए तो परवाह क्यूँ करें यारों
के हमारी हिफाज़त के लिए उठते हाथ हज़ार हैं ...