तेरी याद आई
फिर रात की तनहाई
फिर तेरी जुदाई
फिर रुका हुआ सा वक़्त
फिर बारिश ने आग लगाईं
फिर एक उदासी चांद की
सारे आसमान पे छाई
अब ऐसे मौसम में
फिर बेदर्दी तेरी याद आई
फिर तेरी जुदाई
फिर रुका हुआ सा वक़्त
फिर बारिश ने आग लगाईं
फिर एक उदासी चांद की
सारे आसमान पे छाई
अब ऐसे मौसम में
फिर बेदर्दी तेरी याद आई