अब रूठा भी नहीं जाता है मनाया भी नहीं जाता है
फासला इतना है के पास बुलाया भी नहीं जाता है
दिखायी देते हैं दूर से दोस्त, जो दुश्मनी निभाते हैं
दिल फरेब इतने के उन्हें साथ बिठाया नहीं जाता

Popular posts from this blog