दुआओं में याद रख कर वो इबादत करता है
गुनाह की हद तक मुझसे मोहब्बत करता है
खुदा के सामने तो हरेक अपना सर झुकता है
मेरे आगे झुक वो ज़माने से बगावत करता है ...
गुनाह की हद तक मुझसे मोहब्बत करता है
खुदा के सामने तो हरेक अपना सर झुकता है
मेरे आगे झुक वो ज़माने से बगावत करता है ...