क्या है तुम में, क्यूँ इतना सताते हो
क्यूँ चैन नहीं पड़ता, क्यूँ इतना याद आते हो?
क्या कमी है मेरे प्यार में इतना ही बता दो
किस लिए मेरा दिल बार बार तोड़ जाते हो...
कुछ तो रही होगी पहचान हमारी पिछले जन्मों की
कुछ तो सबब होगा मेरी इस दीवानगी का
कुछ तो है जो किसी को नज़र नहीं आता
कुछ तो है जो तुम इतना दिल लुभाते हो....
मुझे जीना तुम बिन एक सज़ा लगने लगा है
तुमसे दूर मेरा वजूद क़ज़ा सा लगने लगा है
हर वक़्त एक डर रहता है तुमसे बिछड़ने का
मेरे मासूम दिल को क्यूँ इतना रुलाते हो
मेरी सुबह तुम्हारे नाम से शुरू होती है
मेरी रात तेरे नामे से बिस्तर में गुज़रती है
मौत दे दो अगर साथ नहीं दे सकते मेरा
दूर रह कर क्यूँ हर वक़्त मेरा दिल जलाते हो