कोई वादा नहीं कोई करार भी न था
दिल को उसके आने का इंतज़ार भी न था
हम तो उस मरासिम को याद करते रहे
जिस मरासिम पर मेरा कभी इख्तेयार न था

Popular posts from this blog

अहसास-ए-गम

तमन्ना-ऐ-वस्ल-ऐ-यार