हर ख़याल को संजोना और करीने से सजाना
तन्हाई में फिर हर पल बार बार बिताना
किसी की फितरत में गुरेज़ी भरी है
किसी को पड़ता है हर रोज़ समझाना
एक ही ज़मीन पर कितनी जुदा शक्सियतें
एक मेरे बिना एक सांस लेने से भी डरता है
और एक अपनी साँसों का तकाज़ा मुझ से करता है
एक कहानी बन गया और एक ने लिखा अफसाना
इंतज़ार का किस्मत ने हसीं सिला दिया
वक़्त ने फिर जिंदगी के रास्तों पर मिला दिया
कभी दोस्त समझा था वो शख्स जान बन गया
और जान का दुश्मन बन गया एक दोस्त पुराना