एक सन्नाटा सा छा जाता है बज़्म में
उसकी चुप्पी अक्सर बहुत बोलती है 
हर तरफ खामोशी का दौर हो जब
उसकी निगाहें मेरा हर लफ्ज़ तोलती है... 

Popular posts from this blog