किस्मत .....

न बदनसीबियों से घबरातें हैं
न खुशनसीबियों पे इतराते हैं
हमारे हालात हैं ऐसे के हम सिर्फ
किस्मत की महरबानियों पे सुकून पाते हैं....


न लकीरें बदलते कभी देखी हैं
न तकदीरें सवरते कभी देखी हैं
हम जहाँ थे वहीं पे खड़े हैं
बस खुद को ही बार बार आजमाते हैं.....

Popular posts from this blog

अहसास-ए-गम

तमन्ना-ऐ-वस्ल-ऐ-यार