वो !!!!!!!!!!!!!!
सोयी हुई थी मैं बेहोश सी
उसने मुझे जगाया ...
मेरी हस्ती पे वो एक
बादल बन के छाया,
मेरी पथरीली मुस्कान को
खिलखिलाना सिखाया,
दिल के अँधेरे कोने में
चिरागों को जलाया,
खुद से अनजान सी थी
मुझसे मेरा परिचय कराया,
बुझी बुझी आँखों में
सपनो को बसाया,
हाथ थाम के मेरा वो
अपनी महफिल में ले आया ,
जिंदगी के इस सफर में उसने
दोस्ती का मतलब समझाया ...
उसने मुझे जगाया ...
मेरी हस्ती पे वो एक
बादल बन के छाया,
मेरी पथरीली मुस्कान को
खिलखिलाना सिखाया,
दिल के अँधेरे कोने में
चिरागों को जलाया,
खुद से अनजान सी थी
मुझसे मेरा परिचय कराया,
बुझी बुझी आँखों में
सपनो को बसाया,
हाथ थाम के मेरा वो
अपनी महफिल में ले आया ,
जिंदगी के इस सफर में उसने
दोस्ती का मतलब समझाया ...