मोहब्बत का एक इम्तेहान ऐसा भी होता है

पतंगे उड़ते हैं शमा की तरफ, शम्मा उन्हें जला देती हैं
मोहब्बत का एक इम्तेहान ऐसा भी होता है
जब जीने की आस में, प्यार करने वाले जिंदगी ढूँढ़ते हैं
ओर जिंदगी मौत बन के उनको गले लगा लेती है
हर रात शमा पिघलती है या रोती है मालूम नहीं
लेकिन हर रात ढलते ढलते सुबह को अजमा लेती है
आफताब की रौशनी में, पतंगे बेचारे दिखते ही नहीं
माह की चाह लेकिन चकोर की नींदे चुरा लेती है

Popular posts from this blog