एक दोस्त के लिए....रात भर के ख्याल...
मुझे सहर का न इंतज़ार है न तलाश है
जिस रात तेरा ख्वाब मेरे पास है
इन आँखों की गुस्ताखियों को बक्श दे
के इनके लिए बस वो चेहरा ही कुछ ख़ास है ...
जाने क्या दिल ढूँढता है, जाने इसको किसकी तलाश है
मगर जो वो शख्स है, मेरे वजूद के आस पास है
मेरी आँखों में शरारे बसते हैं
के रात भर तेरे खवाब सवरतें हैं
इस बरस भी बारिश आएगी ,
इस बरस भी बादल छायेंगे
बूंदे तो उनके साथ होंगी लेकिन
मौसम को दूर छोड़ आयेंगे
उसके बिना सावन अधुरा रहेगा
वो नहीं तो अब्र सूखा सा बहेगा
उसके बिना आबशारी कम लगेगी
प्यासे मन को वो भिगो ना पायेंगे
आपकी नवाजिश है वरना हम क्या हैं
बस, एक टूटा ख्वाब, एक टूटा पैमाना एक बिखरा ख्याल
जिस रात तेरा ख्वाब मेरे पास है
इन आँखों की गुस्ताखियों को बक्श दे
के इनके लिए बस वो चेहरा ही कुछ ख़ास है ...
जाने क्या दिल ढूँढता है, जाने इसको किसकी तलाश है
मगर जो वो शख्स है, मेरे वजूद के आस पास है
मेरी आँखों में शरारे बसते हैं
के रात भर तेरे खवाब सवरतें हैं
इस बरस भी बारिश आएगी ,
इस बरस भी बादल छायेंगे
बूंदे तो उनके साथ होंगी लेकिन
मौसम को दूर छोड़ आयेंगे
उसके बिना सावन अधुरा रहेगा
वो नहीं तो अब्र सूखा सा बहेगा
उसके बिना आबशारी कम लगेगी
प्यासे मन को वो भिगो ना पायेंगे
आपकी नवाजिश है वरना हम क्या हैं
बस, एक टूटा ख्वाब, एक टूटा पैमाना एक बिखरा ख्याल