बहुत दिन बाद....
बहुत दिन बीत गए
गुजरी बहुत सी रातें भी
बस न बीता तेरा इंतज़ार
ओर याद आई तेरी बातें भी
हर वक़्त सताता रहा ज़हन को
दूर रह कर भी ख़याल किसी का
हर वक़्त तसव्वुर में तेरा चेहरा
ओर अपनी वो मुलाकातें भी
कुछ देर के लिए जो बिछड़े तुमसे
सब सूना सूना सा हो गया
न नींद आई सुलाने को
न आई ख़्वाबों की सौगाते भी..
गुजरी बहुत सी रातें भी
बस न बीता तेरा इंतज़ार
ओर याद आई तेरी बातें भी
हर वक़्त सताता रहा ज़हन को
दूर रह कर भी ख़याल किसी का
हर वक़्त तसव्वुर में तेरा चेहरा
ओर अपनी वो मुलाकातें भी
कुछ देर के लिए जो बिछड़े तुमसे
सब सूना सूना सा हो गया
न नींद आई सुलाने को
न आई ख़्वाबों की सौगाते भी..