दोस्ती........
एक अनजान से कुछ इस तरह आशनाई हुई
के शख्स वो अपना सा लगने लगा
मेरी कलम का दिल हर लफ्ज़ में जाने क्यों
खुद ब खुद उसका नाम जपने लगा
ये अचानक से हुई मुलाक़ात उससे
ओर यहाँ का मौसम हँसने लगा
कब से सहरा में खड़े थे ओर,
वो आया तो बेलौस बादल बरसने लगा....
के शख्स वो अपना सा लगने लगा
मेरी कलम का दिल हर लफ्ज़ में जाने क्यों
खुद ब खुद उसका नाम जपने लगा
ये अचानक से हुई मुलाक़ात उससे
ओर यहाँ का मौसम हँसने लगा
कब से सहरा में खड़े थे ओर,
वो आया तो बेलौस बादल बरसने लगा....