अंधेरों में रौशनी जलाए रखें ...
नाशाद दिल ही अक्सर बेजार होता है
गम में अंधेरों से भी प्यार होता है
इसलिए ए दोस्त शादमानी बनाएं रखें
आपसे बस इतनी गुजारिश है के
आलम-ए-तिरगी में भी
एक चिराग रौशनी का जलाए रखें....
उदासी ...
इतनी उदासी के सारा आलम उदास हो गया
आपके दर्द का असर इतना ख़ास हो गया
दूर बैठें हैं हम मील-दर-मील
फिर भी आपकी शिदद्दत का आभास हो गया
गम में अंधेरों से भी प्यार होता है
इसलिए ए दोस्त शादमानी बनाएं रखें
आपसे बस इतनी गुजारिश है के
आलम-ए-तिरगी में भी
एक चिराग रौशनी का जलाए रखें....
उदासी ...
इतनी उदासी के सारा आलम उदास हो गया
आपके दर्द का असर इतना ख़ास हो गया
दूर बैठें हैं हम मील-दर-मील
फिर भी आपकी शिदद्दत का आभास हो गया