तुम्हारा चाँद

ये चाँद भी अब हमारा रकीब हो गया
तुम्हारे दिल के इतना करीब हो गया!!!!
हमको भुलाकर चाँद को पास बुला लिया
हमारे दर्द का इलाज उस से करा लिया!!!!
मगर इतना क्यूँ आप इतराते हैं हजूर,
चाँद आपके पहलू में है तो ज़रूर
लेकिन वो एक बेवफा महबूब है
सारे आसमा को वो माशूक है
हमारी बा वाफाई तो आपको रास न आई
उस बे-मुरव्वत की शोखीयाँ आपको भाई
कोई बात नहीं हमदम मेरे वक़्त वो भी आएगा
जब तुम्हारा चाँद अमावस पे छुप जायेगा
तब तुम्हें हमारी यादें ही पनाह देंगी
और मेरी बाहें फिर तुम्हे अपना बना लेंगी
उन लम्हों के इंतज़ार करना मेरा नसीब हो गया
के जब से ये चाँद तुम्हारे दिल के इतना करीब हो गया……

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