मेरा मौसम ...
वो मौसम, जो बदल कर भी बदला नहीं
वो सावन, जो बरस के भी बरसा नहीं
वो सपना जो टूट कर भी टूटा नहीं
वो अपना जो दूर जाकर भी छूटा नहीं
वो दिल जो अब भी मेरे लिए धड़कता है
वो शक्स जिसके लिए मेरा मन बहकता है
वो सावन, जो बरस के भी बरसा नहीं
वो सपना जो टूट कर भी टूटा नहीं
वो अपना जो दूर जाकर भी छूटा नहीं
वो दिल जो अब भी मेरे लिए धड़कता है
वो शक्स जिसके लिए मेरा मन बहकता है