मेरी परवाज़

मेरी परवाज़ का अंदाज़ आप यूँ भी लगा सकते हैं,
के मेरे पंखों में सबा का ठिकाना है;
जो असमाँ में उडू तो उसको भी झुका दूं,
के तारों के पार मेरा आशियाना है..

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