अकेले तू कब तक रो पायेगा

रोते वक़्त कोई साथ भी ना निभाएगा,
सारा ज़माना पराया हो जायेगा;
जिस शक्स से भी उम्मीद रखी होगी,
वो शक्स ही धोखा दे जायेगा;
बता, अकेले तू कब तक रो पायेगा?
आखों से जब आंसू बहेंगे बेलौस,
सच में कोई अपना नज़र ना आएगा;
हर हिचकी पे एक आह निकलेगी दिल से,
हर अश्क तेरा बेकार जायेगा,
बता, अकेले तू कब तक रो पायेगा?

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